Maha Mantra

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ।।



Image Hosted by ImageShack.us

Friday, January 1, 2010

Hanuman Bhajan




Image Hosted by ImageShack.us श्रीहनुमान चालिसा
listen online




Image Hosted by ImageShack.us
दोहा

श्रीगुरु चरण सरोज रज निजमनु मुकुल सुधारि।
वरनऊ रघुवर विमल यश जो दायक फल चारि।
बुध्दिहीन तनु जानि के, सुमिरों पवन कुमार।
बल बुध्दि विद्या देहु मोहि हरहु कलेस विकार॥

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपींस तिहुँ लोक उजागर॥

राम दूत अतुलित चल धामा।
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥

महावीर विक्रम बजरंगी।
Image Hosted by ImageShack.us

कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुवेसा।
कानन कुंडल कुंचित कैसा॥

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनैऊ साजै॥

संकर सुवन केसरी नन्दन।
तेज प्रताप महा जग बन्दान॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
विद्यामान काज करिवे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरी सियहिं दिखावा।
विकट रुप धरी लंक जरावा॥

भीम रुप धरी असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज सवारे॥

लाय संजीवन लषन जियाये।
Image Hosted by ImageShack.us

श्री रघुवीर हरपि उर लाये॥

रघुपति किन्ही बहुत बडाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
Image Hosted by ImageShack.us


सहस बदन तुम्हारो जस गावें।
अस कहि श्रीपती कंठ कंठ लगावें॥

सनकादिक ब्रह्मादिक मुनीसा।
नारद सारद सहित अहिसा॥

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहां ते॥

तुम उपकार सुग्रीवहि किन्हा।
राम मिलाय राज पद दिन्हा॥

तुम्हारो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥

प्रभु मुद्रिका मोलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हारे तेते॥

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहु को डरना॥

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हाक ते कांपै॥

भुत पिसाच निकट नहीं आवें।
महावीर जब नाम सुनावें॥

नासै रोग हरे सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमंत बल बीरा॥

संकट तें हनुमान छुडावै।
मन क्रम बचन ध्याण जो लावें॥

सब पर रां तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥

और मनोरथ जो कोई लावै।
तासु अमित जीवन फल पावै॥

चारों जुग प्रताप तुम्हारा।
है परसिध्द जगत उजियारा॥

साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥

अष्ट सिध्दी नौ निधी के दाता।
अस वर दीन जानकी माता॥

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥

तुम्हरे भजन राम को पावै।
Image Hosted by ImageShack.us

जनम जनम के दु:ख बिसरावै॥

अन्त काल रघुवर पुर जाई।
Image Hosted by ImageShack.us

जहां जन्म हरि-भक्त कहाई॥Image Hosted by ImageShack.us


और देवता चित्त न धरई।
हनुमंत सेई सर्व सुख करई॥

संकट कैंट मिटै सब पिरा।
Image Hosted by ImageShack.us

जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा॥

जय जय जय हनुमान गोसाई।
Image Hosted by ImageShack.us

कृपा करहु गुरू देव की नाई॥

जो सतबार पाठ कर जोई।
छुटहि बंदि महा सुख होई॥

जो यह पढैं हनुमान चालिसा।
होय सिध्दी, साखी गौरीसा॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजे नाथ हृदय मंह डेरा॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लषन सीता सहित, हृदय बेसहु सुर भूप॥
Image Hosted by ImageShack.us


॥इति श्री हनुमान चालिसा संपुर्ण॥

No comments:

Post a Comment

LIVE Traffic Feed

IP ADDRESS

Sign by Danasoft - For Backgrounds and Layouts

L O C A T I O N Visitor Map SECOND Geo Visitors Map THIRD
Powered by IP-Details.com
FOURT FIFTH

Map IP Address
Powered byIP2Location.com

sixth F L A G C O U N T E R free counters S T A T C O U N T E R
http://bhajanpyt2010.blogspot.com/ P A G E P O P U L A R I T Y L I V E T R A F F I C M A P R e c o m m e nd e d R e a d i n g Web Site Hit Counter

1) Window Message

HTML Free Code

2) say with me

HTML Free Code

3)

HTML Free Code

Welcome

HTML Free Code

2 Wel

HTML Free Code

Six star Cursor

HTML Free Code ad sense email account AdSense email jutevalley@gmail.com 31.12.09 onlinebhajanpyt2010@gmail.com Magic title JavaScript Free Code No Rght Click